Dwisaptati sama dasha
Dwisaptati sama dasha is applicable when lord of first house is in seventh house or lord of seventh house is in first house.
Dwisaptati sama dasha is applicable when lord of first house is in seventh house or lord of seventh house is in first house.
द्विसप्तति समा दशा
द्विसप्तति समा दशा में मूल नक्षत्र से जन्म नक्षत्र तक गिनकर आठ से भाग दें
एकादि शेष से केतु के अतिरिक्त आठों सूर्यादि ग्रह दशाधिप होते हैं। प्रत्येक का दशा-वर्ष नौ, नौ, होते हैं, लग्नेश सप्तम में हों या सप्तमेश लग्न में, तो यही दशा फलद होती है,भुक्तभोग्यादिवर्ष का आनयन विंशोत्तरी की तरह यहाँ भी करना चाहिए, उदाहरण - नीचे दी गयी जन्मकुंडली में सप्तमेश चंद्रमा लग्न मे है इस लिये इस कुंडली के जातक के लिये द्विसप्ततीसमादशा फलद होती है
